हरदा – एनजीटी ने पाथ इंडिया कंपनी पर लगाया 3 करोड़ 49 लाख 74 हजार 30 रूपये का लगाया जुर्माना, अब ई.डी. करेगा जाँच।
कपिल शर्मा हरदा, 9753508589

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल के द्वारा नेशनल हाईवे बनाने वाली पाथ इंडिया कंपनी (प्रकाश एस्फालटिंग एवं टोल हाईवे इंडिया लिमिटेड) द्वारा किए गए अवैध उत्खनन के मामले में 3,49,74,030/- रुपये का जुर्माना अधिरोपित करते हुए ई.डी (प्रवृतन निदेशालय) को जांच हेतु दिया आदेश दिया हैं। अधिवक्ता अनिल जाट ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कई माह से हरदा जिले के टिमरनी तहसील के ग्राम भादूगांव, टेमागांव, अंधेरीखेड़ा में पाथ इंडिया कंपनी द्वारा हाईवे बनाने के लिए लगातार नियम विरुद्ध पर्यावरण को गहरा आघात पहुंचाते हुए शासकीय जमीन, खेतीहर जमीन तथा गंजाल नदी में अवैध उत्खनन किया जा रहा था। इस अवैध उत्खनन के संबंध में स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा किसान कांग्रेस नेता केदार शंकर सिरोही, मोहन विश्नोई तथा हेमंत टाले के नेतृत्व में लगभग एक माह तक धरना दिया गया था। परंतु जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। स्थानीय प्रशासन के द्वारा भी मामले को रफादफा करने की लगातार कोशिश की गई। जिससे दुखी होकर ग्राम टेमागांव के किसान राजेश यादव, प्रेम नारायण किरार और सुखराम के द्वारा अधिवक्ता श्रीमति उर्वशी मिश्रा एवं आयुष गुप्ता के माध्यम से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एन0जी0टी भोपाल) में नेशनल हाईवे, हरदा कलेक्टर, पाथ इंडिया कंपनी, पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड, खनिज विभाग, पर्यावरण प्रभाव मुल्यांकन के विरुद्ध याचिका क्रमांक 28/2023 प्रस्तुत की गई थी। एनजीटी के द्वारा के द्वारा जांच कमेटी गठित की गई जांच कमेटी की रिपोर्ट तथा उत्खनन के सबूतों को देखते हुए दिनांक 24/08/2023 को सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था तथा आज दिनांक 19/10/2023 को एनजीटी के द्वारा 102 पेज का निर्णय पारित करते हुए पाथ इंडिया कंपनी पर अवैध उत्खनन के मामले में 3 करोड़ 49 लाख 74 हजार 30 रुपये का जुर्माने का आदेश दिया है। एनजीटी के आदेशानुसार पाथ इंडिया कंपनी को यह राशि तीन माह में मध्य प्रदेश पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड में जमा करनी है अगर उनके द्वारा यह राशि जमा नहीं की जाती हैं तो पाथ इंडिया कंपनी के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी एवं पर्यावरण प्रदूषण अधिनियम 1986 के तहत भी पाथ इंडिया कंपनी के विरुद्ध ई.डी (प्रवृतन निदेशालय) को जांच हेतु दिया आदेश दिया हैं साथ ही पाथ इंडिया कंपनी के विरुद्ध धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत कार्यवाही किये जाने हेतु आदेश दिये हैं। साथ ही एनजीटी के द्वारा पाथ इंडिया कंपनी को यह भी आदेश दिया है कि इस बात कि लिखित सहमति प्रदान करें कि पाथ इंडिया कंपनी भविष्य में इस प्रकार का अपराध नहीं करेगी। अधिवक्ता अनिल जाट ने जानकारी देते हुए बताया कि हरदा जिले का यह पहला मामला है जिसमें ई.डी (प्रवृतन निदेशालय) के द्वारा जांच की जाएगी। आज से पहले हरदा जिले में किसी भी मामले में ई.डी (प्रवृतन निदेशालय) के द्वारा जांच नहीं की गई हैं। अगर ई.डी (प्रवृतन निदेशालय) के द्वारा सही जांच की जाती है तो इस मामले में कई सफेद पोश नेता एवं कई सरकारी अफसर जांच के दायरे में आएंगे। क्योंकि पाथ इंडिया कंपनी के द्वारा जो अवैध उत्खनन किया गया है वह सफेद पोश नेताओं और अफसरों के संरक्षण में ही किया गया है। ग्रामीणों के द्वारा लगातार शिकायतें की गई तथा शासन प्रशासन से निवेदन किया, धरना प्रदर्शन और आंदोलन किये गये परंतु जिला प्रशासन पूर्णतः खामोश रहा।