हरदा -भारतवर्ष में सरस्वती शिशु मंदिर ही एक ऐसा विद्यालय है जहां शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को संस्कार भी दिए जाते है:- पं. श्यामस्वरूप मनावत।
सरस्वती शिशु मंदिर गहाल में वार्षिकोत्सव समारोह हुआ सम्पन्न।

कपिल शर्मा, हरदा एक्सप्रेस…
जिले के ग्राम गहाल कि सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल मे वार्षिकोत्सव समारोह का आयोजन किया गया। दीप प्रज्वलित कर रंगमंचीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरस्वती शिशु मंदिर सोडलपुर की पूर्व छात्र डॉ दीपिका माल्वया द्वारा की गई। इस दौरान स्कूल के बच्चों ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। प्रधानाचार्य संदीप उन्जेनिया द्वारा अतिथियों का परिचय कराया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता ने नारी सशक्तीकरण पर अपना उद्धबोधन दिया गया।
नन्हे मुन्ने भैया बहिन ने स्वागत गीत, देश भक्ति नाटक, झांसी की रानी आदि नाटक प्रस्तुत किये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कथा वाचक पण्डित कैलाश नारायण व्यास ने अपने उद्द्बोधन में कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर अनुशासन संस्कार एवं संस्कृति के संरक्षक के रूप में जाने जाते हैं। जीवन में अनुशासन अति आवश्यक है जिसे बच्चों में प्रारंभिक दौर से ही होना चाहिए और सदैव अपने लक्ष्य को याद करते हुए उसे प्राप्त करने के लिए भरपूर प्रयास करना चाहिए।
रंगमंचीय कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रसिध्द कथावाचक पण्डित श्यामस्वरूप मनावत ने अपने विचारो में बतलाया की पूरे भारतवर्ष में सरस्वती शिशु मंदिर ही ऐसा एक विद्यालय है जहां शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों में संस्कार भी दिया जाता है। सभी लोग जानते हैं कि संस्कार की जननी सरस्वती शिशु मंदिर ही है। कार्यक्रम का आभार ग्राम भारती हरदा के सह सचिव अरुण गुर्जर ने किया। इस दौरान कार्यक्रम में स्कूल के संयोजक दीपक मुकाती, संयोजक मण्डल स्कूल प्राचार्य, भागवत सिंह पटेल बलवीर पटेल, श्यामसिंह, सुनील सिंह पटेल, विजय सिंह पटेल, गुलाबदास कुशवाह, अमित पाराशर राजकिशोर कुशवाह सहित ग्रामीणजन उपस्थित रहे।