हरदा – तहसीलदार लवीना घाघरे ने भू माफिया कृष्ण मुरारी अग्रवाल का फर्जी प्रतिवेदन बनाकर एसडीएम को सौंपा।
कपिल शर्मा, 9753508589

कपिल शर्मा, हरदा एक्सप्रेस…
विवादों में रही हरदा तहसीलदार लवीना घाघरे का एक नया कारनामा सामने आया हैं। सरकारी जमीन बेचने वाले भू माफिया कृष्णमुरारी अग्रवाल के साथ सांठगांठ कर एक फर्जी प्रतिवेदन बनाकर एसडीएम को सौंप दिया हैं। शिकायतकर्ता ने खसरा नंबर 10/3 की शिकायत की थी, लेकिन तहसीलदार ने भू माफिया को बचाने के लिये खसरा नंबर 10/3 की 4 हजार स्क्वेयर फीट जमीन को 32 हजार स्क्वेयर फीट बताने के लिये खसरा नंबर 21/1 के रकबे को भी शामिल कर लिया। तहसील न्यायालय में चले प्रकरण में कृष्णमुरारी अग्रवाल ने अपने प्रतिपरीक्षण में भी इस बात को स्वीकार किया था, कि खसरा नंबर 10/3 की जो संपत्ती विक्रय की हैं उसका नक्शा नहीं हैं उसके बाद भी तहसीलदार ने अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए एक ऐसा प्रतिवेदन भूमाफिया कृष्ण मुरारी अग्रवाल के साथ सांठगांठ कर तैयार किया हैं जिसमें सरकारी जमीन बेचने वाले माफिया को बचा लिया गया हैं, हांलाकि अभी मामला एसडीएम के पाले में हैं। इधर शिकायतकर्ता ने कहा, कि ऐसे भू माफियाओं का साथ देना प्रशासनिक अधिकारियों को शोभा नहीं देता हैं। यदि इस प्रकार से प्रशासिनक अधिकारी माफियाओं को संरक्षण देंगे तो प्रशासन से लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा।
10/3 का नक्शा नहीं तो जांच कैसे हुई…
तहसीलदार न्यायालय में चले प्रकरण में भूमाफिया ने इस बात को स्वीकार किया है, कि खसरा नंबर 10/3 का नक्शा नहीं हैं। अब सवाल यह उठता है, कि जब नक्शा ही नहीं है तो तहसीलदार को कैसे पता की 10/3 की भूमि कितनी है?