हरदा – कांवड नहीं किताबे उठाने ने समाज और देश आगे बढ़ेगा:- भीम आर्मी।
कपिल शर्मा हरदा, 9753508589

नेता वोट बैंक और अपनी राजीनीति चमकाने के लिए रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ और न्याय के मुद्दों से भटकाकर धार्मिक भावनाओं से जोड़ रहे हैं। जो युवा वर्ग तथा अनुसूचित जाति जनजाति के विशेष वर्ग को काफि पीछे धकेल रही हैं। विगत दिनों पूर्व विधायक डॉ. आरके दोगने की कांवड़ यात्रा निकाली गई जिसमें भारी भीड़ एकत्रित हुई थी। कुछ लोगों में इस यात्रा मे उत्साहित नजर आए तो कुछ लोगों में आक्रोश देखने को मिला। एससी. एसटी संभागीय अध्यक्ष राहुल पंवार ने डॉ. दोगने की इस कावड़ यात्रा पर कटाक्ष करते हुए अपनी फेसबुक पर लिखा, कि हमारे द्वारा अनिल माणिक हत्याकांड के संबंध में निकाली गई न्याय यात्रा का ना तो स्वागत किया और ना ही समर्थन किया था आखिर आपको एसटी एससी समुदाय से इतनी नफरत क्यों हैं? वहीं भीम आर्मी के संभागीय अध्यक्ष महेंद्र काशिव ने अपनी फेसबुक पर लिखा, कि कावड़ यात्रा की जगह शिक्षा यात्रा, स्वास्थ यात्रा, रोजगार यात्रा, निकालों तो हम भी यात्रा में शामिल हो जाए। राजनीतिक भावना से निकली गई डॉ. दोगने की यात्रा के विरोध का क्रम लगातार जारी रहा और अनुसूचित जाति वर्ग के युवा नेता राम ओस्ले ने फेसबुक पर लिखा, कि आखिर आपको एससी एसटी समुदाय से इतनी नफरत क्यों हैं? अगर आप क्षेत्र के सच्चे जनप्रतिनिधि हरदा विधानसभा प्रत्याशी होते तो सभी वर्ग के साथ समानता का भाव रखते।
जयस सभा में गरजे जाट…
ग्राम गुठानियां में 20 अगस्त को जयस की एक सभा को अधिवक्ता अनिल जाट संबोधित कर रहे थे। वहां उपस्थित लगभग 5 हजार लोगों की भीड़ में उन्होंने कहा, कि कल एक बीजेपी के नेता ने कांवड़ यात्रा निकाली थी कल एक फिर कांग्रेस का नेता कांवड़ यात्रा निकालेगा। हमारा उत्थान किसी कांवड़ यात्रा से नहीं होगा। आज तक किसी नेता ने हमारे अधिकारों के लिए यात्रा नहीं निकाली। इसके अलावा उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए अन्य वक्तव्य भी एससी एसटी समाज के उत्थान के लिए दिए।
दूर रहे इस प्रकार की कांवड यात्रा से:- काकोडिया…
जयस के प्रदेश अध्यक्ष रामदेव काकोडिया ने भी डॉ. दोगने की इस कांवड यात्रा पर अपने लोगों को इस प्रकार की यात्राओं से दूर रहने के लिए कहा। श्री काकोडिया ने कहा, कि हमें अपनी समाज के उत्थान के लिए शिक्षित होने की आवश्यकता हैं। हम किसी भी नेता नगरी के भीड़ का हिस्सा नहीं बनेंगे। एससी एसटी वर्ग का जिले में लगातार शोषण हो रहा हैं। न्याय के नाम पर दर दर भटकना पड़ता हैं। उस समय यह नेता नगरी कहां जाते है? डॉ दोगने की इस यात्रा पर कटाक्ष विरोध राहुल पवारे, महेंद्र काशिव मेहरा, ने किया उस विरोध को अनिल माणिक हत्याकांड से जोड़ कर देखा गया है।
विधानसभा चुनाव में दिख सकता असर…
डॉ. दोगने द्वारा आरक्षण के विरोध में जो समर्थन दिया उसके कारण भी दोगने का विरोध एससी एसटी समुदाय कर रहा है। वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो लगभग 3 माह में विधानसभा चुनाव है। यह विरोध कहीं दोगने के लिए मंहगा ना पड़ जाए। अब देखना यह है, कि चुनाव के पहले डॉ. दोगने एसटी एससी समुदाय को कैसे साधते है।