
जी हा हम बात कर रहे है उत्तर प्रदेश के मधुरा जिले की जहा जन्माष्टमी की देर रात वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में प्रशासनिक लापरवाही की वजह से गर्मी, उमस के साथ भीड़ बेकाबू हो गई थी। जहा दम घुटने से 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 6 घायल हैं। इस हादसे में प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुए पूरे मामले की एक कमेटी गठित की है। घटना की जांच करने के लिए रविवार को मथुरा के कलेक्टर नवनीत चहल प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस बल के साथ बांके बिहारी मंदिर पहुंचे थे।
https://youtube.com/shorts/VjBYsvkPj5o?feature=share
जहा पर एक शरारती बंदर कलेक्टर का चश्मा भागा भाग गया। कलेक्टर सड़क पर बंदर से चश्मा लौटाने की आस लगाए हुए करीब 20 मिनट तक खड़े रहे। लेकिन बंदर ने चश्मा नहीं लौटाया। इस दौरान कलेक्टर के साथ मौके पर प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी और पुलिसकर्मी भी बंदर से चश्मा लौटाने की गुहार लगाते रहे। लेकिन बंदर अपनी जिद पर अड़ा रहा। इर दौरान कलेक्टर कभी बंदर की ओर देखते तो कभी कर्मचारियों की ओर। यह ड्रामा काफी दर तक चलता रहा। इस दौरान सड़क पर यह तमाशा देखने लोगो की भिड़ लगने लगी। करीब 20 मिनिट की कड़ी मस्कक्त के बाद एक पुलिसकर्मी द्वारा दुकान से फ्रूटी लाया और बंदर को दी तब जाकर बंदर ने फ्रूटी लेकर चश्मा लौटाया। पास खड़े लोगो ने यह पुरा घटनाक्रम अपने मोबाईल मे कैद कर लिया और इसे सोशल मीडिया एक वायरल कर दिया। जिस पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुटकी लेते हुए ट्विटर पर लिखा, बंदर ने सोचा जब भाजपा के शासन में प्रशासन को चश्मा लगाकर भी कुछ नहीं दिखता है तो चश्मे का क्या काम, इसी के साथ अखिलेश यादव ने वीडियो भी शेयर किया है।