
स्वतंत्र भारत की राजनीति को स्वतंत्र ही रहने दो,
फिरंगीयों से छुड़ाई राजनीति को खूबसूरत हि रहने दो।।
सुन्दर सपना शहीदों का सुन्दर ही रहने दो,
स्वतंत्र भारत की छवि पर कीचड़ न उछलने दो।।
बलिदानों फल स्वतंत्र आतंकियों के हाथों मे ना जान दो,
स्वन्त्र भारत को स्वतंत्र ही रहने दो।।
शहीदों के सपनों की सुन्दर राजनीति को सभी भारत वासियों के दिलों में रहने दो,
सोने वालों जागो वन्दे मातरम की गजल को मर्सिया खा..ना बनने दो।।
कवियत्री :- भारती चौधरी, अन्नपुरा हरदा।